यह नोट्स 10वी कक्षा 2024-25 Hiranpur +2 school के बच्चो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये एक बोर्ड कक्षा हैं। छात्रो के उपर काफी दबाव रहता हैं और वे एक्जाम के दिनो मे काफी तनाव से भी गुजरते है। परंतु अगर उन्हे एक बढ़िया नोट्स मिल जाए तो ये उनके लिए काफी मददगार साबित होगा। छात्रो के इसी तनाव को कम करने के लिय एवं उनके बोर्ड एक्जाम की तैयारी में सहायता के लिए हमने यहाँ पर एनसीईआरटी कक्षा 10 SOCIAL SCIENCE का नोट्स दिया हैं। इस नोट्स को बहुत ही अनुभव द्वारा तैयार किया गया हैं। Regarding by - Mukesh Sir Hiranpur,Ph-9955814670/9973943536

Thursday, June 13, 2019

अर्थशास्त्र-chapter-3.मुद्रा और क्रेडिट(b)

अर्थशास्त्र-chapter-3.मुद्रा और क्रेडिट(b)

Extra Questions Answers

प्रश्न:1 वस्तु विनिमय प्रणाली से क्या समझते हैं?
उत्तर: विनिमय की वह प्रणाली जिसमें लोग एक चीज के बदले दूसरी चीज की लेन देन करते हैं, वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है।
प्रश्न:2 वस्तु विनिमय प्रणाली के लिये जरूरी शर्त क्या होती है? समझाईए।
उत्तर: वस्तु विनिमय के लिये जरूरी शर्त है ‘आवश्यकताओं का दोहरा संयोग’। यह वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी कमजोरी भी होती है। मान लीजिए कि आप अपने गिटार के बदले एक बैंजो चाहते हैं। ऐसी स्थिति में आपको किसी ऐसे व्यक्ति को ढ़ूँढ़ना होगा जिसे अपने बैंजो के बदले एक गिटार चाहिए। ऐसे दो लोगों को ढ़ूँढ़ना; जो एक दूसरे की चीज की अदल बदल करना चाहते हैं; आसान काम नहीं है।
प्रश्न:3 मुद्रा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: मुद्रा एक माध्यम है जिसके जरिये हम किसी भी चीज को विनिमय द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में मुद्रा के बदले में हम जो चाहें खरीद सकते हैं।
प्रश्न:4 भारत में करेंसी नोट कौन सी संस्था जारी करती है?
उत्तर: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
प्रश्न:5 मुद्रा से क्या लाभ हैं?
उत्तर: मुद्रा के लाभ निम्नलिखित हैं:
  • यह आवश्यकताओं के दोहरे संयोग से छुटकारा दिलाती है।
  • यह कम जगह लेती है और इसे कहीं भी लाना ले जाना आसान होता है।
  • मुद्रा को आसानी से कहीं भी और कभी भी विनिमय के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रश्न:6 बैंक में जमा को डिमांड डिपॉजिट क्यों कहते हैं?
उत्तर: बैंक खाते में जमा राशि को जरूरत (डिमांड) के हिसाब से निकाला जा सकता है इसलिए इन खातों के निक्षेप (डिपॉजिट) को डिमांड डिपॉजिट कहते हैं।
प्रश्न:7 चेक पर क्या क्या लिखा होता है?
उत्तर: चेक पर भुगतान पाने वाले व्यक्ति या संस्था का नाम और भुगतान की जाने वाली राशि को लिखना होता है। उसके बाद चेक जारी करने वाले व्यक्ति को चेक के नीचे हस्ताक्षर करना होता है।
प्रश्न:8 केडिट का क्या मतलब होता है?
उत्तर: बैंक द्वारा कर्ज में जो राशि दी जाती है उसे क्रेडिट कहते हैं।
प्रश्न:9 डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: क्रेडिट और डेबिट कार्ड आधुनिक जमाने में काफी प्रचलित हैं। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड एक जैसे दिखते हैं। डेबिट कार्ड द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने खाते में जमा राशि में पेमेंट कर सकता है। क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते समय आप बैंक से कर्ज लेते हैं। दोनों तरह के कार्डों से भुगतान इलेक्ट्रानिक रूप में होता है और किसी को कैश ढ़ोने की जरूरत नहीं होती है।

प्रश्न:10 कोलैटरल या समर्थक ऋणाधार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: अधिकतर मामलों में कर्ज लेने के लिये किसी चल या अचल सम्पत्ति को बैंक के पास गिरवी रखना होता है। इसे कोलैटरल कहते हैं। कोलैटरल के कुछ उदाहरण हैं; जमीन, घर, गाड़ी, मवेशी, बैंक में जमा राहि, बीमा पॉलिसी, सोना, आदि। यदि कोई व्यक्ति कर्ज का भुगतान समय पर नहीं कर पाता है तो कर्ज देने वाले संस्थान को यह अधिकार होता है कि वह कोलैटरल को बेचकर कर्ज की राशि वसूल ले।
प्रश्न:11 कर्ज के मुख्य स्रोत कौन कौन से हैं?
उत्तर: कर्ज के दो मुख्य स्रोत हैं:
  • औपचारिक सेक्टर: इस सेक्टर में बैंक और को-ऑपरेटिव सोसाइटी आती है।
  • अनौपचारिक सेक्टर: इस सेक्टर में साहुकार, दोस्त, रिश्तेदार, व्यापारी और जमींदार आते हैं।
प्रश्न:12 सेल्फ हेल्प ग्रुप पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर: सेल्फ हेल्प ग्रुप का प्रचलन अभी नया नया है। इस प्रकार के ग्रुप में लोगों का एक छोटा समूह होता है; जैसे 15 से 20 सदस्य। सभी सदस्य अपने जमा किये हुए पैसे को इकट्ठा करते हैं। उस जमा रकम में से किसी भी सदस्य को छोटी राशि का कर्ज दिया जाता है। फिर वह सेल्फ हेल्प ग्रुप उस राशि पर ब्याज लेता है। इस तरह के कर्ज के सिस्टम को माइक्रोफिनांस कहते हैं।


Extra Questions Answers

प्रश्न:1 वस्तु विनिमय प्रणाली से क्या समझते हैं?
उत्तर: विनिमय की वह प्रणाली जिसमें लोग एक चीज के बदले दूसरी चीज की लेन देन करते हैं, वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है।
प्रश्न:2 वस्तु विनिमय प्रणाली के लिये जरूरी शर्त क्या होती है? समझाईए।
उत्तर: वस्तु विनिमय के लिये जरूरी शर्त है ‘आवश्यकताओं का दोहरा संयोग’। यह वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे बड़ी कमजोरी भी होती है। मान लीजिए कि आप अपने गिटार के बदले एक बैंजो चाहते हैं। ऐसी स्थिति में आपको किसी ऐसे व्यक्ति को ढ़ूँढ़ना होगा जिसे अपने बैंजो के बदले एक गिटार चाहिए। ऐसे दो लोगों को ढ़ूँढ़ना; जो एक दूसरे की चीज की अदल बदल करना चाहते हैं; आसान काम नहीं है।
प्रश्न:3 मुद्रा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: मुद्रा एक माध्यम है जिसके जरिये हम किसी भी चीज को विनिमय द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में मुद्रा के बदले में हम जो चाहें खरीद सकते हैं।
प्रश्न:4 भारत में करेंसी नोट कौन सी संस्था जारी करती है?
उत्तर: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
प्रश्न:5 मुद्रा से क्या लाभ हैं?
उत्तर: मुद्रा के लाभ निम्नलिखित हैं:
  • यह आवश्यकताओं के दोहरे संयोग से छुटकारा दिलाती है।
  • यह कम जगह लेती है और इसे कहीं भी लाना ले जाना आसान होता है।
  • मुद्रा को आसानी से कहीं भी और कभी भी विनिमय के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रश्न:6 बैंक में जमा को डिमांड डिपॉजिट क्यों कहते हैं?
उत्तर: बैंक खाते में जमा राशि को जरूरत (डिमांड) के हिसाब से निकाला जा सकता है इसलिए इन खातों के निक्षेप (डिपॉजिट) को डिमांड डिपॉजिट कहते हैं।
प्रश्न:7 चेक पर क्या क्या लिखा होता है?
उत्तर: चेक पर भुगतान पाने वाले व्यक्ति या संस्था का नाम और भुगतान की जाने वाली राशि को लिखना होता है। उसके बाद चेक जारी करने वाले व्यक्ति को चेक के नीचे हस्ताक्षर करना होता है।
प्रश्न:8 केडिट का क्या मतलब होता है?
उत्तर: बैंक द्वारा कर्ज में जो राशि दी जाती है उसे क्रेडिट कहते हैं।
प्रश्न:9 डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: क्रेडिट और डेबिट कार्ड आधुनिक जमाने में काफी प्रचलित हैं। डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड एक जैसे दिखते हैं। डेबिट कार्ड द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने खाते में जमा राशि में पेमेंट कर सकता है। क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते समय आप बैंक से कर्ज लेते हैं। दोनों तरह के कार्डों से भुगतान इलेक्ट्रानिक रूप में होता है और किसी को कैश ढ़ोने की जरूरत नहीं होती है।

प्रश्न:10 कोलैटरल या समर्थक ऋणाधार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: अधिकतर मामलों में कर्ज लेने के लिये किसी चल या अचल सम्पत्ति को बैंक के पास गिरवी रखना होता है। इसे कोलैटरल कहते हैं। कोलैटरल के कुछ उदाहरण हैं; जमीन, घर, गाड़ी, मवेशी, बैंक में जमा राहि, बीमा पॉलिसी, सोना, आदि। यदि कोई व्यक्ति कर्ज का भुगतान समय पर नहीं कर पाता है तो कर्ज देने वाले संस्थान को यह अधिकार होता है कि वह कोलैटरल को बेचकर कर्ज की राशि वसूल ले।
प्रश्न:11 कर्ज के मुख्य स्रोत कौन कौन से हैं?
उत्तर: कर्ज के दो मुख्य स्रोत हैं:
  • औपचारिक सेक्टर: इस सेक्टर में बैंक और को-ऑपरेटिव सोसाइटी आती है।
  • अनौपचारिक सेक्टर: इस सेक्टर में साहुकार, दोस्त, रिश्तेदार, व्यापारी और जमींदार आते हैं।
प्रश्न:12 सेल्फ हेल्प ग्रुप पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर: सेल्फ हेल्प ग्रुप का प्रचलन अभी नया नया है। इस प्रकार के ग्रुप में लोगों का एक छोटा समूह होता है; जैसे 15 से 20 सदस्य। सभी सदस्य अपने जमा किये हुए पैसे को इकट्ठा करते हैं। उस जमा रकम में से किसी भी सदस्य को छोटी राशि का कर्ज दिया जाता है। फिर वह सेल्फ हेल्प ग्रुप उस राशि पर ब्याज लेता है। इस तरह के कर्ज के सिस्टम को माइक्रोफिनांस कहते हैं।
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